पिक्स

बेंगलुरु, जिसे भारत का टेक हब कहा जाता है, इन दिनों पानी के सैलाब में जूझता नजर आ रहा है। लगातार हुई तेज़ बारिश ने शहर की रफ्तार को थाम दिया है और सड़कों को दरिया बना दिया है।

Rainfall

महादेवपुरा ज़ोन के साई लेआउट जैसी कॉलोनियों में तो हालत इतनी बिगड़ गई कि लोग जेसीबी और नावों के सहारे अपने घरों से बाहर निकले। सड़कों पर खड़ी महंगी गाड़ियां डूबी दिखीं, और लोग सोशल मीडिया पर मज़ाक में कहने लगे, “बेंगलुरु में बाइक नहीं, अब नाव खरीदनी चाहिए!”

शहर की सड़कों पर नावों की सवारी!

Water on road

पिछले 24 घंटों में रिकॉर्ड 103 मिमी बारिश दर्ज की गई। सड़कों पर जमा पानी ने इतना रौद्र रूप ले लिया कि राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) को रेस्क्यू बोट्स लेकर उतरना पड़ा। सिल्क बोर्ड, व्हाइटफील्ड और आउटर रिंग रोड जैसे इलाके पूरी तरह जलमग्न हो गए।

एक वायरल वीडियो में देखा गया कि एक तेज़ बस ड्राइवर की वजह से उठी लहरों से स्कूटी पर सवार तीन लोग पानी में गिर पड़े। यह नजारा बेंगलुरु की टूटी-फूटी जल निकासी व्यवस्था की सच्चाई को उजागर करता है।

पिक्स 9

रकार अलर्ट, लेकिन लोग परेशान

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने बेंगलुरु समेत कर्नाटक के 23 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। तेज़ बारिश, गरज और बिजली गिरने की चेतावनी के साथ अगले कुछ दिन चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने खुद हालात का जायज़ा लिया और BBMP की राहत टीमों को मुस्तैद रहने के निर्देश दिए हैं।

क्यों डूबता है बेंगलुरु बार-बार?

विशेषज्ञों का मानना है कि अनियोजित शहरीकरण, कंक्रीट के जंगल और प्राकृतिक जल निकासी तंत्र की अनदेखी ने बेंगलुरु को हर बारिश में डुबोना शुरू कर दिया है। हर साल एक ही कहानी दोहराई जाती है लेकिन समाधान का इंतज़ार जारी है।

पिक

बेंगलुरु की बारिश सिर्फ मौसम की घटना नहीं, बल्कि शहरी विकास में हमारी लापरवाही की एक चेतावनी है। यह समय है जब हम सिर्फ रेस्क्यू नहीं, बल्कि प्लानिंग पर भी ध्यान दें—वरना आने वाली हर बारिश शहर को फिर से रोक देगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *