आज, 30 मई 2025, गोवा अपना 39वां राज्यत्व दिवस मना रहा है। यह दिन 1987 में गोवा के भारत के 25वें राज्य के रूप में शामिल होने की स्मृति में मनाया जाता है। इस अवसर पर पूरे राज्य में सांस्कृतिक कार्यक्रम, आधिकारिक समारोह और पारंपरिक उत्सव आयोजित किए जाते हैं।

गोवा राज्यत्व दिवस: इतिहास और महत्व

पुर्तगाली शासन से स्वतंत्रता तक

गोवा 1510 से 1961 तक लगभग 450 वर्षों तक पुर्तगालियों के अधीन रहा। 19 दिसंबर 1961 को भारत ने ‘ऑपरेशन विजय’ के तहत गोवा, दमन और दीव को पुर्तगाली शासन से मुक्त कराया। इसके बाद, 1962 में 12वें संविधान संशोधन के माध्यम से इन क्षेत्रों को भारत का केंद्रशासित प्रदेश घोषित किया गया।

1967 का जनमत संग्रह

1967 में गोवा में एक जनमत संग्रह आयोजित किया गया, जिसमें गोवा के लोगों ने महाराष्ट्र में विलय के प्रस्ताव को अस्वीकार कर, एक स्वतंत्र पहचान बनाए रखने का निर्णय लिया।

राज्यत्व की प्राप्ति

30 मई 1987 को गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला, जिससे यह भारत का 25वां राज्य बना। इस अवसर पर पणजी को राजधानी और कोंकणी को आधिकारिक भाषा घोषित किया गया।

राज्यत्व दिवस समारोह: संस्कृति और उत्सव

  • स्थानीय कलाकारों द्वारा पारंपरिक नृत्य और संगीत प्रस्तुतियाँ।
  • राज्यपाल और मुख्यमंत्री द्वारा ध्वजारोहण और सम्मान समारोह।
  • गोवा के विशेष व्यंजनों का आनंद।
  • स्थानीय हस्तशिल्प और कला की प्रदर्शनी।

राज्यत्व दिवस बनाम मुक्ति दिवस

मुक्ति दिवस (19 दिसंबर): 1961 में पुर्तगाली शासन से स्वतंत्रता की स्मृति में।

राज्यत्व दिवस (30 मई): 1987 में पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त करने की स्मृति में।

निष्कर्ष

गोवा राज्यत्व दिवस न केवल एक उत्सव है, बल्कि यह गोवा की ऐतिहासिक यात्रा, सांस्कृतिक विविधता और आत्म-परिचय की भावना का प्रतीक है। इस दिन, हम गोवा के उन सभी लोगों को सम्मानित करते हैं जिन्होंने इसकी स्वतंत्रता और पहचान के लिए संघर्ष किया।

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