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“ऑपरेशन राइज़िंग लायन: इसराइल-ईरान तनाव के बीच नई जंग की आहट”

ऑपरेशन राइज़िंग लायन: इसराइल-ईरान तनाव के बीच नई जंग की आहट

पश्चिम एशिया एक बार फिर युद्ध के मुहाने पर खड़ा नज़र आ रहा है। इसराइल और ईरान के बीच लंबे समय से जारी तनातनी ने अब खतरनाक मोड़ ले लिया है। इसराइल ने हालिया जवाबी हमलों को “ऑपरेशन राइज़िंग लायन” नाम दिया है, जबकि ईरान ने सख़्त चेतावनी दी है कि “इसराइल और अमेरिका को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।”

क्या है ‘ऑपरेशन राइज़िंग लायन’?

इसराइल ने यह कोडनेम उस जवाबी हमले के लिए रखा है, जो उसने ईरान के ठिकानों पर किया। इस हमले को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह ईरान समर्थित तत्वों के उन हमलों के जवाब में था जो इसराइल की सैन्य ठिकानों और नागरिक क्षेत्रों को निशाना बना रहे थे।

ईरान का जवाब और चेतावनी

ईरान ने इस हमले को “सीधा युद्ध उकसाना” बताया है और कहा है कि यह सिर्फ इसराइल ही नहीं बल्कि उसके सहयोगी अमेरिका के लिए भी चेतावनी है।

ईरानी सेना के प्रवक्ता ने कहा – “इस हमले की कीमत इसराइल और उसके सहयोगियों को चुकानी होगी। अगर दुश्मन ने फिर ऐसी कोई कार्रवाई की, तो उसका मुँहतोड़ जवाब दिया जाएगा।”

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

इसके क्या हो सकते हैं प्रभाव?

  1. तेल की कीमतों में उछाल: युद्ध का खतरा ग्लोबल मार्केट में अनिश्चितता बढ़ाता है।
  2. सुरक्षा खतरा: आसपास के देशों को सतर्क रहना होगा।
  3. भारत पर असर: ऊर्जा निर्भरता के कारण आर्थिक प्रभाव संभव।

क्या यह युद्ध की शुरुआत है?

विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर कूटनीतिक प्रयास तेज़ी से नहीं हुए, तो यह स्थिति खुले युद्ध में बदल सकती है। “ऑपरेशन राइज़िंग लायन” इसराइल के कड़े रुख को दर्शाता है कि वह अब कोई समझौता नहीं करना चाहता।

निष्कर्ष

‘ऑपरेशन राइज़िंग लायन’ सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि एक राजनीतिक संदेश भी है। इसराइल ने स्पष्ट कर दिया है कि वह ईरान समर्थित हमलों का जवाब देगा। वहीं ईरान की चेतावनी आने वाले समय में और अधिक तनाव की ओर इशारा करती है।

अब ज़रूरत है वैश्विक समुदाय की सक्रियता की, ताकि यह टकराव किसी बड़े युद्ध में तब्दील न हो।

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